ANMOL VACHAN IN HINDI |
- प्रेरणादायक अनमोल वचन
(1)
ब्रह्मांड की सभी सार्थक शक्तियां तभी तुम्हारे साथ हो सकती है जब तुम मन
, हृदय और वचन से स्वच्छ हो
(2)
कौन हिसाब रखे किसको कितना दिया, और कौन कितना बचायेगा, इसलिए ईश्वर ने
आसान गणित लगाया, सबको खाली हाथ भेज दिया. खाली हाथ ही बुलायेगा
(3)
संबंध और जल एक समान होते है न कोई रंग, न कोई रूप पर फिर भी जीवन के
अस्तित्व के लिए सबसे महत्वपूर्ण
(4)
किसी के घर जाओ तो अपनी “आंखो” को इतना काबू में रखो कि उसके “सत्कार” के
अलावा उसकी “कमियाँ” न दिखे और जब उसके घर से निकलो तो अपनी “ज़ुबान” काबू में
रखो ताकि उसके घर की “इज़्ज़त” और “राज़” दोनो सलामत रहे।
(5)
सफल व्यक्ति कोई नया काम नही करता, बल्कि वो काम को नए तरीके से करता
है।
(6)
कोई खुद को कितना भी श्रेष्ठ कहे, लेकिन सच्चाई ये है की प्रकृति किसी
एक को सर्वश्रेष्ठ नहीं बनने देती. कोयल को कंठ दिया तो उसका रूप छीन लिया,
रूप दिया मोर को, तो उसका कंठ छीन लिया.
(7)
अगर आप कोई भी बात बिना अपना आपा खोये सुनने की काबिलियत रखते हैं तो
आपकी शिक्षा समझिये सफल है.
(8)
अगर आप सफल होना चाहते है, तो आपको सफलता के घिसे-पिटे रास्तों पर चलने
की बजाएं नए रास्ते बनाने चाहिए
(9)
सत्य को सुनना ही पर्याप्त नहीं होता अपितु सत्य को चुनना भी जरुरी है।
सत्य की चर्चा करना एक बात है और सत्य का चर्या बन जाना एक बात है। आदर्शों
का वाणी का आभूषण मात्र बनने से कल्याण नहीं होता, आदर्श आचरण के रूप में
घटित हों, तव कल्याण निश्चित है।
क्या मिश्री का स्मरण करने मात्र से मुँह में मिठास घुल जायेगी ?
मिश्री का आस्वादन करना पड़ेगा। प्यास तो तभी बुझती है जब कंठ में शीतल जल उतर
जाए। यद्यपि परमात्मा के नाम की ऐसी दिव्य महिमा है कि वह स्मरण मात्र से भी
कल्याण करने में समर्थ है।
भगवान राम और कृष्ण इसलिए आज तक हर घर में और ह्रदय में विराजमान हैं
क्योंकि उन्होने आदर्शों को, मूल्यों को अपने जीवन में उतारा। दुनिया का सबसे
प्रभावी उपदेश वही होता है जो जीभ से नहीं जीवन से दिया जाता है। सत्य से
प्रेम मत करो, मै तो कहूँगा कि प्रेम ही आपके जीवन का सत्य बन जाए।
(10)
🕉️ यह जरुरी नहीं कि जीवन में हमेशा प्रिय क्षण ही आएं दूसरे लोगों का
अनुकूल व्यवहार ही हमें प्राप्त हो। अपमान, शोक, वियोग, हानि, असफलता आदि
तमाम स्थितियां आती रहती हैं और जाती भी रहती है। दुनिया का कोई भी शरीर धारी
जीव इन विविधताओं से बच नहीं पाता।
🕉️ जरा सी बात पर परेशान हो जाना, निराश हो जाना, रोना , उत्तेजित हो
जाना, क्रोधांध स्थिति में आकर ना कहने योग्य को कह जाना और ना करने योग्य को
कर जाना, यह सब मनुष्य की आंतरिक कमजोरी, दुर्वलता, जड़ता के लक्षण हैं। हमें
अपने मानसिक बल को बढ़ाने की आवश्यकता है। कठिन से कठिन विकट स्थिति में विवेक
पूर्वक और धैर्यपूर्वक निर्णय लेना है।
🕉️ उत्तेजना और क्रोध में कहा गया शब्द और किया गया कर्म स्थिति को और
बिगाड़ देता है। इसलिए मौन और मुस्कुराहट को अपना आभूषण बनायें। संसार का चक्र
ऐसे ही चलता रहेगा, मुस्कुराकर हर क्षण को स्वीकार करो।
(1) अगर आप सफल होना चाहते है, तो आपको सफलता के घिसे-पिटे रास्तों पर चलने की बजाएं नए रास्ते बनाने चाहिए
(2)
जो लोग दूसरों को अपनी दुआओं में शामिल करते हैं, खुशियां सबसे पहले उनके ही दरवाज़े पर दस्तक देती हैं.
जो लोग दूसरों को अपनी दुआओं में शामिल करते हैं, खुशियां सबसे पहले उनके ही दरवाज़े पर दस्तक देती हैं.
रिश्ते पैसो के मोहताज़ नहीं होते क्योकि कुछ रिश्ते मुनाफा नहीं देते पर जीवन अमीर जरूर बना देते है
हुनर तो सब में होता है, फर्क बस इतना होता है, किसी का छिप जाता है, तो किसी का छप जाता है।
(10)
जब आप दुखी हो तो कोई फैसला मत लेना जबकि जब आप खुश हो तब कोई भी वादा मत करना।
जब आप दुखी हो तो कोई फैसला मत लेना जबकि जब आप खुश हो तब कोई भी वादा मत करना।