दो पत्थरों की प्रेरणादायक कहानी |
उस गांव मे एक मंदिर बनाया था उसमें गणेश जी की मूर्ति बनाने के लिए गांव वालों ने मोहन को कहा तुम गणेश जी की मूर्ति बनावोगे मोहन ने हा किया गांव वालों ने कहा ठीक है
मोहन को मूर्ति बना ने के लिए कुछ पत्थरों की आवश्यकता थी तो वह जंगल की और जाता है
वह जंगल में इधर उधर पत्थर की तलाश करता है तब उसे एक पत्थर दिखाएं देता है जो मूर्ति बनाने के लिए एकदम सही था वह उस पत्थर को उठाकर अपनी गाड़ी में रख लेता है कुछ दूर जाने पर उसे एक और पत्थर दिखाई देता है और वहां उसे भी उठाकर अपनी गाडी में रख देता है
मुर्तिकार वह पत्थर को अपने गांव की ओर लेकर चलता है जब वह मूर्ति बनाने के लिए पत्थर पर चोट मारने लगता है तभी उस पत्थर में से आवाज आती है रुको रुको कृपा करके रुको मूर्तिकार इधर उधर देखता है उसे समझ नहीं आता कि यह आवाज कहां से आ रही है रुको रुको कृपा करके मुझ पर यह हथोड़ा मत चलाओ मुझे हथौड़ी की मार से बहुत डर लगता है अगर तुम मुझ पर हथोड़ा चलाओगे तो मैं टूट जाऊंगा बिखर जाऊंगा कृपा करके मुझे छोड़ किसी और पत्थर से मूर्ति बना लो मूर्तिकार को उस पत्थर पर दया आती है और वह उस पत्थर को छोड़ देता है|
मूर्तिकार दूसरा पत्थर उठा लेता है यह पत्थर बढ़िया लग रहा है इससे मूर्ति बनाता हूं यह सोचकर वह पत्थर पर जोर जोर से चोट करना शुरू करता है और इस बार पत्थर से कोई आवाज भी नहीं आती है और कुछी देर में मूर्ति बनकर तैयार हो जाती है कुछ दिनों के बाद गांव के मंदिर में मूर्ति की स्थापना का दिन आता है कुछ गांव वाले मूर्तिकार के घर आते हैं और बोलते अरे भैया मोहन क्या तुमने मूर्ति बना दी मंदिर में स्थापना के लिए हां वह तो मैंने 2 दिन पहले बना दी थी मैं तो आप लोगों का इंतजार कर रहा था अरे यह तो बहुत अच्छी बात है
मूर्तिकार चलो हम सब यह मूर्ति उठाकर उस मंदिर में स्थापना के लिए चलते उसमें से एक व्यक्ति बोला अरे भाई रुको रुको मूर्ति के आगे एक पत्थर को भी रखना पड़ेगा जिस पर लोगो को नारियल फोड़ सके वह व्यक्ति इधर उधर देखता है ताकि उसे कोई पत्थर मिल सके तभी उसकी नजर उस पत्थर पर पड़ी जिसे मूर्तिकार ने छोड़ दिया था और वह व्यक्ति पत्थर को उठा लेता है यह पत्थर बढ़िया लग रहा है और मजबूत भी है जब इस पर लोग नारियल फोड़ेंगे तो जटसे नारियल फूट जाएगा
सब गांव वाले उस पत्थर को लेकर मंदिर की ओर चलते हैं तभी इस पत्थर में से जोर जोर से आवाज आती है अरे... रुको... रुको मूर्ख लोगो मुझे कहां ले जा रहे हो हे भगवान् मुझे बचाओ मुझे कहीं नहीं जाना है
मुझे तो कठिन परिस्थितियों से बहुत डर लगता है मैं इनका सामना कभी नहीं कर सकता हे भगवान मुझे बचाओ आज तो मैं मर ही जाऊंगा यह भगवान मुझे बचाओ बचाओ बचाओ रास्ते पर वह पत्थर जोर जोर से चिल्लाता है तभी सब गांव वाले मंदिर पहुंच चाहते हैं और मूर्ति की स्थापना कर देते हैं और उस पत्थर को उसके आगे रख देते हैं
तब सब लोग उस मूर्ति की पूजा करना शुरू कर देते हैं मूर्ति बना हुआ पत्थर इसे बहुत खुश हो जाता है लोग उस पत्थर को दूध से स्नान करवाते हैं उसे चंदन का लेप लगा है और उस पर फूल चढ़ाते यह सब देख कर दूसरा पत्थर मूर्ति बने हुए पत्थर से बोलता है अरे भाई तुम्हारे मजे है लोग तुम्हें तो दूध से स्नान करवा रहे हैं तुम्हारी पूजा कर रहे हैं तुम्हारे ऊपर फूलों की बारिश कर रहे हैं तुम्हारी जिंदगी तो बढ़िया है तभी यह व्यक्ति उस पत्थर पर जोर से नारियल फोड़ता है भरे मर गया हाय मैं तो मर गया मेरी कमर टूट गई हे
भगवान बचाओ अरे मूर्ख व्यक्ति मेरे पर नारियल फोड़ रहा है भगवान को नारियल चढ़ाने का इतना ही शौक है तो अपने सर से क्यों नहीं फोड़ देता नारियल तभी एक और व्यक्ति उस पत्थर पर नारियल फोड़ता है हाय हाय मर गया आज तो मेरी शामत ही आ गई हे
भगवान मुझे कहा फंसा दिया आज आपने मैं तो जंगल में पेड़ की छांव के नीचे मजे से आराम कर रहा था यह आपने मुझे कहा फंसा दिया मैं तो मर गया सारे मूर्ख व्यक्ति मेरे ऊपर बार-बार नारियल फोड़कर मुजे मार डालेंगे
यह सब देखकर मूर्ति बना पत्थर उस पर जोर जोर से हंसने लगा तुम तो बहुत खुश होगे तुम्हारी सेवा जो हो रही है तुम्हें तो मिठाईया खाने को मिल रही है और यहां तो मेरी कमर की हालत बिगाडी इन इंसान नोने बहुत दर्द हो रहा है
तब मूर्ति बना हुआ पत्थर दूसरे पत्थर से बोलता है दोस्त तुमने भी अगर उस दिन पहला प्रहार सहेलिया होता तो आज तुम्हारी जगह मेरी जगह होती और लोग तुम्हारी पूजा करते तुम्हें भी दूध से स्नान कराते तुम्हारी भी पूजा होती लेकिन तुमने उस दिन डर गए और तुमने आसान रास्ता चुना और आज तुम्हें कठिनाई ओ का सामना करना पड़ रहा है
हमें किसी भी परिस्थितियों से डर के आसान रास्ता चुनते हैं उस वक्त तो हमें आराम मिलता है लेकिन आगे का रास्ता ज्यादा कठिन होता है तब उस पत्थर को अपनी भूल का एहसास हुआ और वे मूर्ति बने पत्थर से बोलता है मुझसे गलती हो गई मैं समझ चुका हूं जो लोग मुश्किल परिस्थितियों में नहीं डरते और उनका सामना करते हैं लोग उनको ही सम्मान देते हैं और उनकी पूजा करते है
दो पत्थरों की ज्ञानवर्धक कहानी Story of Two Stones in Hindi क्या आप जीवन में सफलता पर कहानी पढ़ना चाहते हैं?
दोस्तों हमें यह कहानी यह बताती है की कठिन वक्त सबकी जिंदगी में आता है आज नहीं तो कल जरूर आएगा लेकिन उस कठिन वक्त का सामना करने के लिए क्या आप तैयार हैं अपनी जिंदगी का मजा जरूरी लीजिए पहले आगे आने वाले कठिन दिनों की तैयारी करने के बाद क्योंकि जब कठिन वक्त आता है तब आपको मौका नही मिलेगा एक बार सोच लो कि अपनी जिंदगी में संघर्ष और चुनौतियों से हम डरते हैं लेकिन संघर्ष ही तो हमें और मजबूत बनाता है अगर जिंदगी में कोई कठिन परिस्थितियां आए तो घबराइए मत बल्कि हंसकर सामना करो
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किसी के भी द्वारा कहे हुए कटु वाक्य से तुम्हारा मन आहत जरूर होता है,परन्तु तुम किसी को कटु वाक्य कहकर किसी के भी मन को आहत मत करो,राहत देने वाले शब्द नही कह सकते तो आहत करने वाले शब्दों का प्रयोग भी मत करो,कोई तुम्हारी निंदा करे तो तुम उसका प्रतिकार न करो
खुद को शांत रखो, सुखमय जीवन की मुख्य विशेषता यही है कि उनके हृदय में सदैव परम् शांति विद्यमान रहती है,वे कभी अस्थिर या अशांत नहीं होते और न उन्हें अपने ज्ञान का ही लेशमात्र गर्व होता है,उनके लिए
राजा-रंक,स्वर्ग-अपवर्ग सब एक ही समान हैं भरोसा करना है तो श्री प्रभु पर करो लोगों का क्या हैं या तो छोड कर चले जाते हैं या तोड़ जाते हैं रिश्ते कभी भी मीठी आवाज खूबसूरत चेहरे होने से नहीं टिकते वो टिकते है साफ दिल और विश्वास से भक्ति और भाव में
बहने वाले आसूं इस बात का प्रतीक है की श्री प्रभु ने आपको छू लिया है....जब तक आप सामने वाले से उसके मन की बात करते हैं तब तक अच्छे हैं....लेकिन जैसे ही अपने मन की बात कर दी तो सभी अच्छाइयाँ बुराइयों में बदल जाती हैं । 🇮